Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Anoop 'Samar'
26 Followers
Follow
Report this post
3 Dec 2019 · 1 min read
बेशर्त…
मिलने बेशर्त हम से भी कभी तो आओ!
गर करोगे शर्त लागु तो आ नही पाओगे!
?-AnoopS©
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
Like
Share
6 Likes
· 491 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
Happy Mother's Day ❤️
NiYa
ई-संपादक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कोई यहाॅं बिछड़ते हैं तो कोई मिलते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
😢बड़ा सवाल😢
*प्रणय*
" चुनौतियाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
भाव गणित
Shyam Sundar Subramanian
नहीं बदलते
Sanjay ' शून्य'
असली जीत
पूर्वार्थ
*मर्यादा*
Harminder Kaur
'ऐन-ए-हयात से बस एक ही बात मैंने सीखी है साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्षणभंगुर गुलाब से लगाव
AMRESH KUMAR VERMA
U888
u888tube
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
Lokesh Sharma
गजब हुआ जो बाम पर,
sushil sarna
मेरी कलम से…
Anand Kumar
ग़ज़ल _ पास आकर गले लगा लेना।
Neelofar Khan
मन किसी ओर नहीं लगता है
Shweta Soni
हट जा भाल से रेखा
Suryakant Dwivedi
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
गुरु...! गूगल दोनों खड़े, काके लागूं पाय....!
VEDANTA PATEL
कसौठी पे अपनी
Dr fauzia Naseem shad
लब्ज़ परखने वाले अक्सर,
ओसमणी साहू 'ओश'
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ظاہر ہے اس سے دیکھئے عظمت رسول کی
अरशद रसूल बदायूंनी
2795. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमको भी अपनी मनमानी करने दो
Dr Archana Gupta
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
sushil yadav
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...