बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
चाहत की हमारी वो तलबार हो गए।।
जीना था जिन्हें बिन नाम मौहब्बत के ।
आज बो भी इश्क़ के बीमार हो गए ।।
Phool gufran
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
चाहत की हमारी वो तलबार हो गए।।
जीना था जिन्हें बिन नाम मौहब्बत के ।
आज बो भी इश्क़ के बीमार हो गए ।।
Phool gufran