Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2024 · 1 min read

बेशकीमती हँसी

बेशकीमती हँसी
तुम्हारे नाम कर देंगे
तुम रहो ख़ुश..
ख़ुद को तुम्हारे कर देंगे
फ़िर भी रह जाए
अगर कोई कमी
एक इशारा भर कर देना
ज़िंदगी को आखिरी सलाम कह देंगे….!!!!

हिमांशु Kulshrestha

14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
કેમેરા
કેમેરા
Otteri Selvakumar
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अरे ओ हसीना तू
अरे ओ हसीना तू
gurudeenverma198
शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं है
शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं है
Ranjeet kumar patre
4123.💐 *पूर्णिका* 💐
4123.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
कवि दीपक बवेजा
!..................!
!..................!
शेखर सिंह
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
Dr. Narendra Valmiki
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
पुतले सारे काठ के,
पुतले सारे काठ के,
sushil sarna
Some people are just companions
Some people are just companions
पूर्वार्थ
सर्दियों की धूप
सर्दियों की धूप
Vandna Thakur
ज़िंदगी एक जाम है
ज़िंदगी एक जाम है
Shekhar Chandra Mitra
तू उनको पत्थरों से मार डालती है जो तेरे पास भेजे जाते हैं...
तू उनको पत्थरों से मार डालती है जो तेरे पास भेजे जाते हैं...
parvez khan
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
Phool gufran
..
..
*प्रणय प्रभात*
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
sushil yadav
वो चिट्ठियां
वो चिट्ठियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
Gaurav Pathak
मुझमें गांव मौजूद है
मुझमें गांव मौजूद है
अरशद रसूल बदायूंनी
मैं चाहती हूँ
मैं चाहती हूँ
ruby kumari
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
Keshav kishor Kumar
नामुमकिन है
नामुमकिन है
Dr fauzia Naseem shad
बोल के लब आजाद है
बोल के लब आजाद है
Desert fellow Rakesh
Loading...