बेवफ़ा वो (क्षणिका लेखन)
दिनांक 10/5/19
कल वो साथ थे
आज कहाँ , पता नहीं
गुमनाम जिन्दगी मेरी
बेवफ़ा वो या किस्मत मेरी
2
कंटीली राहें है
जीवन संघर्षमय है
साथ जब ईश है
तब मुश्किल सब आसान है
स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल
दिनांक 10/5/19
कल वो साथ थे
आज कहाँ , पता नहीं
गुमनाम जिन्दगी मेरी
बेवफ़ा वो या किस्मत मेरी
2
कंटीली राहें है
जीवन संघर्षमय है
साथ जब ईश है
तब मुश्किल सब आसान है
स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल