मतलबी कौन?
हालांकि डॉक्टर जूलियट बहुत अरबपति आदमी था। समाजसेवा का भी उसको बेहद शौक था। दूसरों के काम आना और उनकी मदद करना जूलियट के रोजमर्रा के कामों में शामिल था। पेशे के तअल्लुक से कई अस्पतालों में आना-जाना था। इस दौरान उसकी मुलाकात एक अस्पताल में काम करने वाली स्टाफ नर्स नेहा से हो गई। उस वक्त तो बात आई-गई हो गई, लेकिन रोजाना मिलना-जुलना होता रहा। डॉक्टर जूलियट के काम करने के अंदाज और सामाजिकता पर नेहा पूरी तरह फिदा हो चुकी थी। इस बीच दोनों कब एक-दूसरे के नजदीक आ गए, मालूम ही नहीं हुआ।
नेहा 40 की उम्र पार कर रही थी। उसका कोई बेसहारा नहीं था, इसलिए डॉक्टर जूलियट से नजदीकियां लगातार बढ़ती जा रही थीं। उधर, शादी के 32 साल बाद भी डॉक्टर जूलियट के कोई औलाद नहीं थी और उम्र 60 को छू रही थी। दोनों ने शादी करने का फैसला किया। यह सोचकर कि एक साथी को सहारा मिल जाएगा, दूसरे को नाम चलाने के लिए औलाद। खैर, घर वालों की मर्जी के बगैर कुछ दोस्तों की मौजूदगी में नेहा और जूलियट एक-दूजे के हो गए। जूलियट ने नेहा के लिए एक फ्लैट खरीद लिया और साथ-साथ रहने लगे।
अब कहानी का दूसरा मोड़ शुरू हुआ। मुहब्बत का यह सफर कोई साल भर तक ही चल सका। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए।.चर्चाएं शुरू होने लगी कि नेहा ने फ्लैट के लिए ही शादी का नाटक किया था। डॉक्टर जूलियट भी घर से दूर अकेला रहता था, इसलिए उसने भी अकेलापन दूर करने की वजह से नाटक रचा था। अब समझ में नहीं आ रहा था कि किसने, किसको बेवकूफ बनाया ?