Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2023 · 1 min read

बेरोजगारों को वैलेंटाइन खुद ही बनाना पड़ता है……

बेरोजगारों को वैलेंटाइन खुद ही बनाना पड़ता है……
😄😅
गरीबी में खुद ही खुद का साथ निभाना पड़ता है…|

2 Likes · 321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
Rj Anand Prajapati
भूल जा वह जो कल किया
भूल जा वह जो कल किया
gurudeenverma198
करती गहरे वार
करती गहरे वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
हे कलम तुम कवि के मन का विचार लिखो।
हे कलम तुम कवि के मन का विचार लिखो।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
इशरत हिदायत ख़ान
सारी जिंदगी की मुहब्बत का सिला.
सारी जिंदगी की मुहब्बत का सिला.
shabina. Naaz
अधूरी
अधूरी
Naushaba Suriya
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
दीपक झा रुद्रा
मुफलिसो और बेकशों की शान में मेरा ईमान बोलेगा।
मुफलिसो और बेकशों की शान में मेरा ईमान बोलेगा।
Phool gufran
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
Pramila sultan
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मेहमान"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़माना
ज़माना
Rajeev Dutta
आज हमारी बातें भले कानों में ना रेंगे !
आज हमारी बातें भले कानों में ना रेंगे !
DrLakshman Jha Parimal
कुछ टूट गया
कुछ टूट गया
Dr fauzia Naseem shad
हमारे ख्याब
हमारे ख्याब
Aisha Mohan
यूं तो हमेशा से ही
यूं तो हमेशा से ही
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दिए जलाओ प्यार के
दिए जलाओ प्यार के
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वक्त के धारों के साथ बहना
वक्त के धारों के साथ बहना
पूर्वार्थ
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
PRADYUMNA AROTHIYA
कह दो!
कह दो!
©️ दामिनी नारायण सिंह
जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की उसने जीवन में कभी कुछ नया कर
जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की उसने जीवन में कभी कुछ नया कर
ललकार भारद्वाज
'अहसास' आज कहते हैं
'अहसास' आज कहते हैं
Meera Thakur
*दिन गए चिट्ठियों के जमाने गए (हिंदी गजल)*
*दिन गए चिट्ठियों के जमाने गए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आओ वृक्ष लगाओ जी..
आओ वृक्ष लगाओ जी..
Seema Garg
Loading...