बेरहम जिन्दगी के कई रंग है ।
बेरहम जिन्दगी के कई रंग है ।
कभी है यह हसीन तो कभी हाल ए तंग है ।
बेरहम जिन्दगी के कई रंग है ।।
कभी खुद से अलग,कभी खुद में मगन।
कल था मैं अकेला,आज तू संग है ।
बेरहम जिन्दगी के कई रंग है ।
कभी मैं गिरा तो लोग हँसे,
जो गिरकर उठा तो तंज कसे।
कभी थे जो राजा आज वो रंक है ।।
बेरहम जिन्दगी के कई रंग है ।
कभी शिखर पर जो थे,आज कटी है पतंग।
कभी पानी सी सरल,कभी लगती गरल।
कल थे जो अपने,आज किसी और के संग है
बेरहम जिन्दगी के कई रंग है ।।