बेबसी
मुँह जुंबा हो बन्द वे ताले मिले,
बाद मेहनत हाथ को छाले मिले.
भूख से तरपें नहीं बच्चे मेरे,
आबरू बेची, तब निवाले मिले |
मुँह जुंबा हो बन्द वे ताले मिले,
बाद मेहनत हाथ को छाले मिले.
भूख से तरपें नहीं बच्चे मेरे,
आबरू बेची, तब निवाले मिले |