बेपनाह गम था।
चेहरा तुम्हारा क्यों अश्कों से नम था।
नजरों में तुम्हारी क्यों बेपनाह गम था।।
तुम्हारी सिसकारियां मैने भी सुनी थी।
आंसुओ में तुम्हारे शोला और शबनम था।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
चेहरा तुम्हारा क्यों अश्कों से नम था।
नजरों में तुम्हारी क्यों बेपनाह गम था।।
तुम्हारी सिसकारियां मैने भी सुनी थी।
आंसुओ में तुम्हारे शोला और शबनम था।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍