बेताब दिल
बेताब दिल धड़कता है बस तुम्हारे ही नाम से
बस तूँ मिल जाए करना है क्या सारे जहान से
बेताब दिल धड़कता है
कोई कुछ कहे कहता रहे कोई फिक्र नहीं हमें
गिरता है तो गिरे डरते नहीं हैं हम आसमान से
बेताब दिल धड़कता है
चिंगारियाँ सुलगती रहे और लग जाए आग भी
अब ना हटेंगे यूँ राह से हम कह दो भगवान से
बेताब दिल धड़कता है
पर्वत भी हो चाहे सामने या सागर हो दूर तक
रोके नहीं रूकेगा दिल अब ये आँधी-तुफान से
बेताब दिल धड़कता है
तूँ कहे तो ‘विनोद’ कर दें हम ये कुर्बान जिंदगी
जिंदा तुम्हारे नाम से हैं हमें है मरना तेरे नाम से
बेताब दिल धड़कता है
बस तूँ मिल जाए करना है क्या सारे जहान से
स्वरचित
( ‘विनोद’ चौहान )