#बेतकल्लुफ़_हुस्न 001
#बेतकल्लुफ़_हुस्न 001
बेतकल्लुफ़_हुस्न की मैं, क्या कदर कर पाऊंगा ?
इश्क के बगिया में बोलो, कैसे वसर कर पाऊंगा ?
उल्फत की बाते पत्थर से दिल, कौन चाहेगा उलझना,
छोड़ पथ कांटो की कैसे, मखमली सफर कर पाऊंगा ?
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित २४/१०/२०१८ )
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