Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2021 · 1 min read

बेटे रूपी सब्जी

✒️?जीवन की पाठशाला ??️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बहू को लक्ष्मी कहने वाले लोग किस कदर अक्सर उस लक्ष्मी को ठोकरों में रखते हैं ,उसको बेइज्जत करते हैं ,उस लक्ष्मी को आज भी बच्चा पैदा करने की मशीन समझते हैं वो भी ख़ास कर …हाय रे बेदर्द और दोहरे चरित्र वाली दुनिया …

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इस जिंदगी में अनगिनत लोगबाग़ मिले पर याद नहीं आता की कोई भी ऐसा मिला हो जो बिना काम -स्वार्थ के मिला हो …स्वार्थ की डोरी सबसे बड़ी …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की विवाह एक ऐसा मकान है जिसे पति पत्नी हर नए दिन के साथ प्रेम -प्यार -विश्वास -संस्कार -सहयोग -समर्पण -श्रद्धा रूपी सीमेंट -पेंट और सजावट से सजा कर घर बनाते हैं …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की जीवन में विवाह उत्सव में जाना एक तरह से किसी बोली लगने वाले बाजार की तरह है जहाँ अक्सर माँ बाप अपने बेटे की कीमत वसूल करते हैं और कई माँ बाप तो सब्जी मंडी से भी ज्यादा मोल भाव अपने बेटे रूपी सब्जी को बेचने के लिए करते हैं …!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
?? विकास शर्मा “शिवाया”?
???
⚛️?☸️??

Language: Hindi
Tag: लेख
402 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
Jitendra kumar
दुनिया  की बातों में न उलझा  कीजिए,
दुनिया की बातों में न उलझा कीजिए,
करन ''केसरा''
2802. *पूर्णिका*
2802. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्याम बाबा भजन अरविंद भारद्वाज
श्याम बाबा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
Rituraj shivem verma
पानी जैसा बनो रे मानव
पानी जैसा बनो रे मानव
Neelam Sharma
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पत्थर (कविता)
पत्थर (कविता)
Pankaj Bindas
सताता है मुझको मेरा ही साया
सताता है मुझको मेरा ही साया
Madhuyanka Raj
चलो चलाए रेल।
चलो चलाए रेल।
Vedha Singh
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
प्रेम भरे कभी खत लिखते थे
प्रेम भरे कभी खत लिखते थे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
Shweta Soni
हिम्मत वो हुनर है , जो आपको कभी हारने नहीं देता।   नील रूहान
हिम्मत वो हुनर है , जो आपको कभी हारने नहीं देता। नील रूहान
Neelofar Khan
घरौंदा
घरौंदा
Dr. Kishan tandon kranti
गलत विचार और गलत काम पर कितने भी दिग्गज लोग काम करें असफल ही
गलत विचार और गलत काम पर कितने भी दिग्गज लोग काम करें असफल ही
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
कम्बखत वक्त
कम्बखत वक्त
Aman Sinha
वक़्त
वक़्त
विजय कुमार अग्रवाल
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
Devesh Bharadwaj
रिश्ता
रिश्ता
Santosh Shrivastava
..
..
*प्रणय प्रभात*
तन्हाईयां सुकून देंगी तुम मिज़ाज बिंदास रखना,
तन्हाईयां सुकून देंगी तुम मिज़ाज बिंदास रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मानवता का है निशान ।
मानवता का है निशान ।
Buddha Prakash
काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
पूर्वार्थ
Love is
Love is
Otteri Selvakumar
दुनिया से ख़ाली हाथ सिकंदर चला गया
दुनिया से ख़ाली हाथ सिकंदर चला गया
Monika Arora
जीवन की
जीवन की
Dr fauzia Naseem shad
विलीन
विलीन
sushil sarna
Loading...