// बेटी //
दिल के करीब हैं अपनी सब
बेटियां पराई समझ है कैसी हैं रीतियां
एक दिन तो बेटी की होती विदाई है !
चाह कर भी एक दिन उसकी होती जुदाई है
दोनों कल शान बनाती मात-पिता का वरदान ले आती
देवताओं का वास होता जहां रही है बेटियां
नेतृत्व करती आज देश का सबसे आगे आज देख लो-
फिर भी दानव दहेज में भेंट चढ़ रही बेटियां !!