Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2021 · 2 min read

बेटी

✒️जीवन ?की पाठशाला ?️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आज हम कितने पढ़े लिखे समझदार हो गए हैं की किसी ज़माने में बहुत सारे कारणों की वजह से कपड़ों की कमी थी फिर भी लोग नख से शिखर तक अपने शरीर को पूर्ण ढकने का प्रयास करते थे ,आज कपड़ों की भरमार है पर अमूमन अपने आप को हाई प्रोफाइल -सेलेब्रिटी कहलवाने वाले ज्यादा से ज्यादा अपने तन की नुमाइश करते हैं -मीडिया और सोशल मीडिया की लाइक्स बटोरते हैं …वाह रे मालिक …अजब तेरी दुनिया ….,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हमारे बुजुर्गों के ज़माने में यातायात के इतने साधन नहीं थे फिर भी लोगों में -रिश्तों में एक दुसरे से मिलने के लिए एक तड़प -बेचैनी रहती थी और आज साधनों की भरमार है पर दिलों से रिश्ते -दर्द -तड़प -अहसास सब दूर हो गए हैं ,बहानों -समय की कमी की भरमार है …स्वार्थ भरी दुनिया ….,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बुजुर्गों से सुनते हैं -पढ़ने में आता है की पहले घर की बेटी बहू गाँव की इज्जत होती थी ,काजल क्या की कोई आँख उठा भी देख ले और आज बेटी बहू अपने घर -रिश्तों में ही सुरक्षित नहीं है तो बाहर तो गिद्धों की जमात बैठी है नोचने खसोटने के लिए ….बेटी को शिक्षित -स्वावलम्बी -आत्मविश्वासी और निडर बनाइये ….,

आखिर में एक ही बात समझ आई की पुराने ज़माने में सितोलिया -लंगड़ी टांग -छुपम छुपाई -खोखो -कबड्डी -कंचे -गिल्ली डंडे जैसे शारीरिक व्यायाम वाले खेलकूद हुआ करते थे …आज मोबाइल -लैपटॉप -,आईपॉड -टेबलेट जैसे यन्त्र आ गए हैं जिन्होंने सारे व्यायाम -दिमागी कसरत आदि पर धारा 144 एवं परमानेंट कर्फ्यू लगा दिया है ….सोचिये हम आने वाली पीढी को स्टेटस के नाम पर क्या परोस रहे हैं ….!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!

?सुप्रभात ?

आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 490 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Loading...