”बेटी पर दुमदार दोहे”
.. ** बेटी पर दुमदार दोहे **
बेटी बेटी माँ ननद भावज सास पतोह
आजी नानी भानजी बहन सुता सम्मोह
रिश्तों की है श्रृंखला.
बेटी योग्या अर्चिता घर की कुशल प्रबंध
आदर की आवासिका नियमन के संबंध
अनुभव की कामायनी.
बेटी वेदों की ऋचा ऋणत्रय की अरदास
पूजा की नीहारिका ऋजुता का अहसास
पीड़ा की संवेदना.
बेटी अभिशब्दित कथा अभिलाषा अभिरूप
अनुनय की अमरावती अमरालय की धूप
आंगन की अभिरामिता.
बेटी अविगत अभिकथन अभिदर्शन अभिदेय
आजीवन अपराजिता उपरूपक उपमेय
अरुणोपल की अरुणिमा.
बेटी गंगा-गोमती पावन संगम घाट
सदा ढूँढ़ते रह गये दर्शन जिसके बाट
कावेरी-कोदावरी.
बेटी घर की श्रेष्ठता आंगन उगी कपास
उपशीर्षक आकाश की होंठों का परिहास
ध्यान-नियम की अर्गला.
बेटी अतुलित विविधता मर्यादा का गेह
करुणा की गुलदावदी अँजुरी-अँजुरी स्नेह
ममता की अट्टालिका.
बेटी लोरी सावनी आरोही संगीत
आजीवन हो वंचिता फिर भी रही अजीत
जीवन की संजीवनी.
बेटी जीवन का क्षितिज पीड़ा का उपनाम
महामालिका प्राण की प्रतिभा का आयाम
व्याख्या की अभिव्यंजना.
बेटी घर की शिल्पता समता की पहचान
अर्चन की अभिवन्दना संकट की मुसकान
खुशहाली की चन्द्रिका.
बेटी मंडप की छटा सजधज तनी कनात
तागपाट गहना लिये द्वारे खड़ी बरात
बेटी झूमर-झालरी.
बेटी अनघ सुवासिका शुचिता का श्रृंगार
जीवन की आराधना खुशियों का गुंजार
घर-आंगन अधिमान्यता.
बेटी विदा बरात की लौट-फेर लौटान
पुण्यकार्य परिवार का वैधानिक उपदान
संस्कार की विविधता.
बेटी शाब्दिक अंतरा आवृति का अनुनाद
गीत गजल की बहर का अक्षर: अनुवाद
बेटी वीणा की झनक.
बेटी चीज अमानती आंगन रखी सहेज
हाथी घोड़ा पालकी बेटी एक दहेज
बेटी मंगलकामना.
बेटी रामायण अकथ अकथनीय इतिहास
रामचरितमानस यथा जीवन का विश्वास
सुन्दरता की सर्जना.
बेटी रोटी-दाल है बेटी घर की आँच
लोटा-थाली प्यास है कठपुतली की नाँच
चौका-बासन रोज का.
शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’
‘शिवाभा’ ए-२३३, गंगानगर,
मेरठ-२५०००१ (उ.प्र.)
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