Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2017 · 1 min read

बेटियाँ

बेटी बचाइये!बेटी बचाइये!!

बेटी से सृष्टि चलती
नव सभ्यता पनपती
दो-दो कुलों में बनकर
दीपक की लौ चमकती
बेटी पराया धन है
मन से निकालिए। बेटी बचाइए!
बेटी से घर चहकता
आँगन भी है महकता
बेटी है गंगा -जमुना
ममता का जल है बहता
बेटे से कम न बेटी
यह बात मानिए! बेटी बचाइए!
थी लक्ष्मीबाई बेटी
थी कल्पना भी बेटी
इतिहास रच रही है
हर क्षेत्र में ही बेटी
बेटी का बाप बनकर
सम्मान पाइए!बेटी बचाइए!
बेटी अगर मरेगी
संख्या अगर घटेगी
बेटे के हित बहू फिर
बोलो कहाँ मिलेगी
संसार एक उपवन
कलियाँ खिलाइए!बेटी बचाइए!

976 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
छीना झपटी हो रही,
छीना झपटी हो रही,
sushil sarna
*
*"मुस्कराहट"*
Shashi kala vyas
चिराग आया
चिराग आया
Pratibha Pandey
'आरक्षितयुग'
'आरक्षितयुग'
पंकज कुमार कर्ण
मन करता है नील गगन में, पंछी बन उड़ जाऊं
मन करता है नील गगन में, पंछी बन उड़ जाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्यार
प्यार
Ashok deep
4394.*पूर्णिका*
4394.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" शर्त "
Dr. Kishan tandon kranti
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
Manisha Manjari
वो नए सफर, वो अनजान मुलाकात- इंटरनेट लव
वो नए सफर, वो अनजान मुलाकात- इंटरनेट लव
अमित
मुक्कमल कहां हुआ तेरा अफसाना
मुक्कमल कहां हुआ तेरा अफसाना
Seema gupta,Alwar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
अंधभक्तो अगर सत्य ही हिंदुत्व ख़तरे में होता
अंधभक्तो अगर सत्य ही हिंदुत्व ख़तरे में होता
शेखर सिंह
उम्मीद खुद से करेंगे तो ये
उम्मीद खुद से करेंगे तो ये
Dr fauzia Naseem shad
दुनिया में सब ही की तरह
दुनिया में सब ही की तरह
डी. के. निवातिया
हर सिम्त दोस्ती का अरमान नहीं होता ।
हर सिम्त दोस्ती का अरमान नहीं होता ।
Phool gufran
પૃથ્વી
પૃથ્વી
Otteri Selvakumar
प्यार करने के लिए हो एक छोटी जिंदगी।
प्यार करने के लिए हो एक छोटी जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
सपना
सपना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गीतिका छंद
गीतिका छंद
Seema Garg
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हिंसा
हिंसा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
नारी शक्ति
नारी शक्ति
राधेश्याम "रागी"
आत्मवंचना
आत्मवंचना
Shyam Sundar Subramanian
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
Kumar lalit
कौन सुनेगा बात हमारी
कौन सुनेगा बात हमारी
Surinder blackpen
Loading...