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17 Feb 2024 · 1 min read

बेटियाँ

बेटियाँ हैं दीपमाला सी,
ज्योत ऋचा आदि शक्ति की,

है दीपिका दीपावली सी,
होली रंग है मुक्ति की,

महि सिंधु शून्य है समेटती,
अंतस अयन से जो सदा –

माँ शारदे दुर्गा भवानी,
है स्वरूप पावन भक्ति की।

संतोष सोनी “तोषी”
जोधपुर (राज.)

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