Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2022 · 1 min read

बेटियाँ

पता ही नहीं चलता

कब लपरवाह होते होते…

समझदार बन जाती है बेटियों

घर के आगन में खेलते खेलते

कब बढ़ी हो जाती है बेटियां.

पता ही नहीं चलता

माँ बाप की लाडली

नखरो में पालने वली

कब पराई हो जाती है बेटियां

दूसरे घर को अपना घर बना लेती हैं बेटियां

पता ही नहीं चलता

दूर होकर भी सब की मुहब्बत करती है बेटियाँ
…. दोनो घरो की लाज निभा देती है बेटियों……..

Pata hi nahi chalta
Kab laperwaah hote hote……
Samajhdaar ban jati hai betiya
Ghar ke aagan me khelte khelte
Kab barhi ho jati hai betiya……
Pata hi nahi chalta
Ma baap ki ladli
Nakhro me palne wali
Kab parayi ho jati hai betiya
Doosre ghar ko apna ghar bana leti hai betiya.
Pata hi nahi chalta …….
door ho hoke bhi sab se muhabbat karti hai betiya…. dono gharo ki laaj nibha deti hai betiya …………
Salam hai un betiyo par………shabinaZ
Happy doughers day

सलाम है उन बेटियो पर………शबीनाZ हैप्पी डॉटर्स डे

Language: Hindi
1 Like · 255 Views
Books from shabina. Naaz
View all

You may also like these posts

लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री
Kavita Chouhan
कुछ बिखरे हुए एहसास
कुछ बिखरे हुए एहसास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
Ashwini sharma
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
*मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर 2024 (कुंडलिया)*
*मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर 2024 (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
कवि रमेशराज
"रंग भर जाऊँ"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त.
वक्त.
Heera S
दहेज दानव
दहेज दानव
अवध किशोर 'अवधू'
आवाहन
आवाहन
Shyam Sundar Subramanian
वर्षा रानी
वर्षा रानी
Ranjeet kumar patre
म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को,
म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को,
पंकज परिंदा
लेखनी के शब्द मेरे बनोगी न
लेखनी के शब्द मेरे बनोगी न
Anant Yadav
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
डी. के. निवातिया
जाने ऐसा क्यों होता है ? ...
जाने ऐसा क्यों होता है ? ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
🙅चापलूस चकोरों के नाम🙅
🙅चापलूस चकोरों के नाम🙅
*प्रणय*
आँखों में अँधियारा छाया...
आँखों में अँधियारा छाया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दुख हरयो दुखभंजणी, सेवक करी सहाय।
दुख हरयो दुखभंजणी, सेवक करी सहाय।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ये रहस्य, रहस्य ही रहेगा, खुलेगा भी नहीं, जिस दिन (यदि) खुल
ये रहस्य, रहस्य ही रहेगा, खुलेगा भी नहीं, जिस दिन (यदि) खुल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3336.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3336.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
निज कर्तव्य निभाना है
निज कर्तव्य निभाना है
Sunil Suman
रामजी का कृपा पात्र रावण
रामजी का कृपा पात्र रावण
Sudhir srivastava
बचपन के दिन...
बचपन के दिन...
जगदीश लववंशी
रिश्ता है या बंधन
रिश्ता है या बंधन
Chitra Bisht
हमें पकड़ते नहीं
हमें पकड़ते नहीं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
उनके जख्म
उनके जख्म
'अशांत' शेखर
कब टूटा है
कब टूटा है
sushil sarna
आँखें कुछ कहती हैं?
आँखें कुछ कहती हैं?
Nitesh Shah
कुछ लोगों का जीवन में रुकना या चले जाना सिर्फ किस्मत तय करती
कुछ लोगों का जीवन में रुकना या चले जाना सिर्फ किस्मत तय करती
पूर्वार्थ
#ਨੀਂਵੀਂ ਪਾ ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜ ਦੇ
#ਨੀਂਵੀਂ ਪਾ ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜ ਦੇ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Loading...