बेटलिंग बेगमो के इर्दगिर्द घूमती बांग्लादेश की राजनीति ✍️
विगत कुछ दिनों में बांग्लादेश में तख्तापलट हो गई है , सत्ता को सेना ने सम्भाल रखा है , कवायदे है कि अंतरिम सरकार बनाये जाए …।
आये दिन पेपर के सुर्खिया और विश्व के पटल पर एक और नई कहानी उमड़ आई है , कल तक रूस-यूक्रेन तथा इजराइल और हमास के गतिविधियों ने विश्व को चिंता के मौहोल में बनाये रखा ..आज बांग्लादेश के सत्ता पलट ने एशिया के बाजार में गर्मजोशी भर दिया कि अब क्या होगा ? बांग्लादेश का …? शायद ये कहना भविष्य के गर्भ में होगा ….
ऐसा कहा जाता है कि बांग्लादेश की राजनीति केवल इन्ही ‘बेटलिंग बेगमों’ के इर्दगिर्द घूमती रहती हैं । राष्ट्रपिता शेख मुजबीर रहमान की पुत्री शेख हसीना तथा पाकिस्तान और चीन के तरफ झुकाव वाली बी.न.पी पार्टी की मुखिया ‘ बेगम खालिदा जिया ‘ …इन्हें विरासत में ही राजनीति मिली …हालांकि लंबे अरसे से प्रधानमंत्री की ताज शेख हसीना सम्भाल रही थी । परंतु उनके वर्तमान चुनाव के आठ महीने बाद आरक्षण के तात्कालिक कारणों ने बांग्लादेश को जलने पर मजबूर कर दिया ।
ढाका ,कॉक्स बाजार में छुपे घुसपैठ , तथा चीन और पाकिस्तान से विपक्षी विचार धारा से जुड़े हुए लोगो ने अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है । हालांकि इसका भविष्य क्या होगा यह कहना कठिन है ।
भारत के सीमायें बांग्लादेश से सबसे लंबी है भारत मित्र भी लंबे समय से रहा है ,भारत इनका जन्मदाता है , ये खबरे भारत के ऊपर भी सवाल खड़ा करते हैं ।
यह दोनों देश एशिया ,दक्षिण एशिया के कई मंचो पर तथा आर्थिक ,रेल मार्ग , और कई मामलों में एक दूसरे के सहयोगी रहे हैं ।
भारत जल्द ही चाहेगा कि कोई ऐसी सरकार न आये जिससे भारत के हित अहितकर हो , पाकिस्तान तथा चीन के हित बांग्लादेश में पैर न पसारे …
भारत ये यह भी नही चाहती कि आर्मी का प्रयोग कर बांग्लादेश को पुनः संगठित किया जाए , क्योकि यह आंतरिक मामलों से घिरा हुआ ।
भारत चाहती है कि बांग्लादेशी सेना के साथ वार्ता हो , या शांति हेतु उनके आंतरिक मामलों में दखल दे , जबकि हो सकता है कि चुनाव भी किया जाए और खालिदा जिया बेगम सत्ता में आये …
ये भविष्य की बाते है ।
-rohit