बेजुबाँ
बेज़ुबाँ अल्फ़ाज़ों की आवाज़ हूँ
मैं उल्फ़त में हारा सुख़न-साज़ हूँ।
तुमसे रूठने को अब वक़्त कहाँ
मैं ख़ुद ही से बे-इंतहा नाराज़ हूँ।
बेज़ुबाँ अल्फ़ाज़ों की आवाज़ हूँ
मैं उल्फ़त में हारा सुख़न-साज़ हूँ।
तुमसे रूठने को अब वक़्त कहाँ
मैं ख़ुद ही से बे-इंतहा नाराज़ हूँ।