बेजान कर गया वो
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मेरी रूह, मेरे जिस्म, मेरे दिल पे, ऐसा कमाल कर गया वो,
जब गया सब ले गया, रूह निकली औ’ बेजान कर गया वो…
◆◆©ऋषि सिंह “गूंज”
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मेरी रूह, मेरे जिस्म, मेरे दिल पे, ऐसा कमाल कर गया वो,
जब गया सब ले गया, रूह निकली औ’ बेजान कर गया वो…
◆◆©ऋषि सिंह “गूंज”