बेच रहे जो माल ब्लैक में उनका मां संहार करो
विधा- गीत
आधार छंद-लावणी
बेच रहे जो माल ब्लैक में,उनका मां संहार करो।
दुनिया में जो दीन दुखी हैं,उनका बेड़ा पार करो।।
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जीवन रक्षा दवा नहीं है,जीने को अब हवा नहीं।
लाइन में सब लोग खड़े हैं, लेकिन राहत नहीं कहीं।
राह दिखाकर कोई उत्तम,हे मां तुम उपचार करो।
दुनिया में जो दीन दुखी हैं,उनका बेड़ा पार करो।।
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प्राणवायु की है अब किल्लत, तड़फ रहे हैं लोग यहां।
शासन भी अंधा बहरा है,जायें भी तो लोग कहां।।
शासन की आंखें बन जाओ,कुछ तो अब उपकार करो।
दुनिया में जो दीन दुखी हैं, उनका बेड़ा पार करो।।
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भरे पड़े हैं अस्पताल सब,दुनिया ही अब रोगी है ।
भय से ही सब आतंकित हैं,चाहें संत या योगी है।।
मिट जाये कोरोना दानव,उस पर ऐसा वार करो।
दुनिया में जो दीन दुखी हैं, उनका बेड़ा पार करो।।
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