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20 Sep 2022 · 1 min read

बेचूराम

पहिले आपन ईमान बेचलस
तब सरकारी सामान बेचलस!
फेर औरी कुछु जब ना मिलल
तअ जनता के अरमान बेचलस!!
सब कुछ आंखी के सामने भईल
बाकिर केहू ना समझ पावल!
एतना चालाकी से धीरे-धीरे
ऊ सगरी हिंदुस्तान बेचलस!!
#अपराध #महंगाई #बेरोजगारी
#भ्रष्टाचार #शायर #poetry
#RomanticRebel #सरकार

1 Like · 195 Views
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