वृक्ष की महत्ता
बृक्ष की महत्ता
______________________
पादप को काटकर,
जीवन को छांट कर,
अपने ही पथ पर,
शूल तुम बो रहे।
फल फूल देने वाले,
विष छीन लेने वाले,
तरू प्राणवायु वाले,
खुद से ही खो रहे।
विटप बिना ये जीवन,
लगे जैसे विषवेल,
शाखी काट काट कर,
नियति को धो रहे।
स्वास आश सभी गाछ,
खिले जिनसे ये बाँछ,
पहचान भावी को भी,
आज तुम सो रहे।।
पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’