: बूँद की यात्रा
कहानी का नाम: बूँद की यात्रा
गहरे नीले आसमान में बादल घिरने लगे थे। बारिश की बूँदें एक-एक कर धरती पर गिरने की तैयारी में थीं। उनमें से एक छोटी बूँद अपने सफर को लेकर बहुत उत्साहित थी। उसे धरती की कहानियाँ सुनाई देती थीं—पेड़ों की, नदियों की, खेतों की। वो उन सभी जगहों को देखना चाहती थी।
“मैं कहाँ गिरूँगी?” बूँद ने आसमान से झांकते हुए सोचा। तभी अचानक एक तेज़ हवा का झोंका आया और वो बूँद बादल से टूटकर नीचे गिरने लगी। गिरते हुए उसने चारों ओर देखा—हरा-भरा जंगल, चमचमाते पहाड़, और नीला समंदर। वह सोच रही थी, कौन सी जगह मेरी मंज़िल होगी?
जैसे ही वह धरती के करीब पहुँची, वह एक छोटे से गाँव के पास स्थित एक बाग में गिर गई। वह सीधे एक हरे-भरे पत्ते पर टपक पड़ी। पत्ता ताज़ा था और बारिश की पहली बूँद को महसूस करते ही झूम उठा।
बूँद ने पत्ते से पूछा, “यह कौन सी जगह है?”
पत्ता मुस्कुराया और बोला, “यह एक आम का बाग है। यहाँ हर दिन सूरज की गर्मी, हवा की ठंडक और मिट्टी की सौंधी खुशबू होती है।”
बूँद ने आस-पास देखा, और खुश होते हुए कहा, “यह तो बहुत सुंदर जगह है!”
थोड़ी देर बाद, वह बूँद पत्ते से लुढ़ककर नीचे गीली मिट्टी में समा गई। मिट्टी ने उसे अपने भीतर समेट लिया और धीरे-धीरे वह मिट्टी के अंदर गहराई में चली गई। वहाँ वह जड़ों तक पहुँची, जहाँ उसे महसूस हुआ कि वह पेड़ की जड़ों को जीवन दे रही है। पेड़ की जड़ें उसकी नन्हीं बूँद को अपनी शाखाओं में पहुँचा रहीं थीं। बूँद ने पेड़ को जीने की नई ताज़गी दी।
समय बीतता गया और पेड़ पर आम लगे। वह बूँद अब उस आम का हिस्सा बन चुकी थी। एक दिन, गाँव का एक बच्चा उस पेड़ के पास आया और पेड़ से एक पका हुआ आम तोड़कर खाने लगा। जब उसने पहला कौर लिया, बूँद ने देखा कि बच्चे के चेहरे पर मुस्कान आ गई है।
बूँद ने अपने सफर पर विचार किया। वह अब आसमान से धरती पर आ चुकी थी, पेड़ को जीवन देने के बाद उस बच्चे की ख़ुशी का हिस्सा बन गई थी। उसे एहसास हुआ कि उसकी यात्रा का उद्देश्य सिर्फ धरती पर गिरना नहीं था, बल्कि जीवन को आगे बढ़ाना और खुशियाँ फैलाना था।
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सीख: हर छोटी चीज़ का जीवन में एक महत्वपूर्ण योगदान होता है, चाहे वह दिखने में कितनी ही छोटी क्यों न हो।