बुढ़ापा आ गइल बाकिर…
बुढ़ापा आ गइल बाकिर बहुत अरमान बाकी बा,
लड़े के जोश बा कायम अभीं ले जान बाकी बा,
जियल छोड़े इहाँ बुजदिल मगर ई मर्द सोचेला-
अभीं तऽ जश्न बाकी बा अभीं शमशान बाकी बा।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 11/03/2022
बुढ़ापा आ गइल बाकिर बहुत अरमान बाकी बा,
लड़े के जोश बा कायम अभीं ले जान बाकी बा,
जियल छोड़े इहाँ बुजदिल मगर ई मर्द सोचेला-
अभीं तऽ जश्न बाकी बा अभीं शमशान बाकी बा।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 11/03/2022