बुल्डोजर
ये बुल्डोजर वाले भी तभी सक्रिय होते हैं, जब कुछ घटित हो जाता है। जबकि हर समय निरीक्षण करते रहना चाहिए कि कोई अवैध निर्माण तो नहीं हो रहा है। दो तीन मंजिल बन जाती हैं पर किसी को खबर नहीं लगती ।ऐसा कैसे हो सकता है। लोग दुकाने चला रहे हैं सरकारी जमीन पर । एक सरकार आँखें मूँदे उधर से मुँह फेरकर ये कहते हुए गुज़र जाती है मैंने नहीं देखा । दूसरी आती है वो भी यही करती है ।कुछ हो जाय तो बुल्डोजर महाशय को भेज दिया जाता है।। कुछ दिन बाद फिर निर्माण शुरू। कुछ लोग भी ढीठ होते हैं पता होता है एक दिन बुल्डोजर के जबाड़े में आ सकते हैं ।पर नहीं मानना भई बहुत बहादुर हैं जब होगा देखा जाएगा अभी तो मजे ले लो मुफ्त में फिर बाद में टसुए क्यों बहाते हैं। सड़कें चौड़ी हों साफ सुथरी हों तो जाम क्यों लगेगा। पानी क्यों भरेगा… दोनों दोषी बनाने वाले अतिक्रमण करने वाले , और बनने देने वाले भी । धन की बरबादी समय की बरबादी। दोनों को सुधरने की आवश्यकता है।
गोदाम्बरी नेगी