बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -196 कुपिया से श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -196
दिनांक -28/12/2024
बिषय- कुपिया
जय बुंदेली साहित्य समूह, टीकमगढ़
प्राप्त प्रविष्ठियां :-
1
कसे कनस्तर कन्सरा, कूपा कुपिया कैन,
भात भरन भैया चले, नेह न्यौत गइ बैन ।
***
-अरविन्द श्रीवास्तव,भोपाल
2
आरे में कुपिया धरी, उठा लेव तुम ऐन।
नैकउ नैंचें नइ गिरे, खुले राखियो नैन।।
***
– रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु,बडागांव झांसी
3
आव पर्व सकराँत कौ, मुखिया करबैं हाट।
तेल पिरा कुपिया भरी, कसकें दैलइ डाट।।
***
– रामानंद पाठक, नैगुवां
4
घी की कुपिया तिल कनक,गुर की पारी ल्याव।
ई पैली सँकरात पै,समधी घर पोंचाव।।
***
-आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
5
माखनबाज़ी सीख लै, भौतइं नौनौ खेल।
नेता की मालिश करो,कुपिया में भर तेल।।
***
-डॉ. सुनील त्रिपाठी ‘निराला’,भिण्ड
6
बुडकी आगइ मूडपै,पिया बजारै जाव।
इकठउ कुपिया तेलकी,सबइ किनानो लाव।।
***
– एम एल त्यागी, खरगापुर
7
फूल डारबे लोग जो,गंगा जू खौं जाॅंय।
गंगा कौ जल पूजबे,कुपिया में भर लाॅंय।।
***
-आशाराम वर्मा “नादान” पृथ्वीपुर
8
कुपिया भर ही तेल कौ,हो जातौ जु अँनोर ।
ढूँड़ै न मिल रओ अबै,जाॅव कौन के दोर ।।
***
-शोभारामदाँगी, नदनवारा
9
कुपिया भर पिरवाव तो,मूँगफली को तेल।
बरा फरा लुच्चू बनी,बच गव कुल्ल डडे़ल।।
***
-प्रमोद मिश्रा वल्देवगढ़
10
कुपिया भर-भर घी पियत,नेतन की जा फोज।
हर पल जो मेनत करें,पानी ढो रय रोज।।
***
-श्यामराव धर्मपुरीकर गंजबासौदा,विदिशा
11
भरत और रीतत रयै, ई शरीर की साख।
अंत समय दै मरगटा,कुपिया भर ही राख।।
***
-सुभाष सिंघई, जतारा
12
कुपिया जैसी जिंदगी,भरौ स्वार्थ कौ तेल।
ऊखाँ कर दै चीकनौं, जीसें राखै मेल।।
***
– आर के प्रजापति,जतारा
13
कुप्पा लैबौ भूल गय, बड़ी भौत मैंगाइ।
मांगें कुपिया तेल की, बुड़की नीरी आइ।।
***
भगवान सिंह लोधी “अनुरागी”, हटा
14
कुपिया लैकें मैं गऔ, तेल लैंन बाजार।,
ठेबौ लग गऔ गैल में, गिर गऔ पाॅंव पसार।।
***
“डाॅ. रामसेवक पाठक हरिकिंकर”, ललितपुर
15
ननदी तन्नक बात पै, खूब रई हैं ऐंठ।
कुपिया सो मौ खैं फुला, गई बाहरे बैठ।।
***
-तरुणा खरे, जबलपुर
16
कुपिया कूर कपूत की ,कुरवन धरी लुकाय ।
मांगन बारे घर गये , दव खाली लौटाय ।।
***
– आर बी पटेल, छतरपुर
17
कुपिया लैकें जात ते , लैबे मिटटी तेल।
हलके की जा बात है ,खेलत ते जब खेल।।
***
– वीरेन्द्र चंसौरिया, टीकमगढ़
18
संगम में अस्नान कर, जीवन सफल बनाव।
गंगाजल घर खों कछू,भर कुपिया में ल्याव।।
***
– डॉ देवदत्त द्विवेदी बड़ामलहरा
##############
-राजीव नामदेव राना लिधौरी, टीकमगढ़
(संयोजक- बुंदेली दोहा प्रतियोगिता)
मोबाइल- 9893520965