Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Aug 2022 · 1 min read

बुद्ध वंदना

तहरा बिना
ये दुनिया में
दोसर के
हम गरीबन के
तू सुन लअ
बदनसीबन के…
(१)
टाल-मटोल से
काम चली ना
सवाल बा
हमरा जीवन के
तू सुन लअ
बदनसीबन के…
(२)
लोग-बाग
तहार जहां बाटे
उंहवे रहो
सदा नीमन से
तू सुन लअ
बदनसीबन के…
(३)
अमावसा के
अंधियारा अब
दूर करअ हमरा
आंगन से
तू सुन लअ
बदनसीबन के…
(४)
बुद्धम शरणं गच्छामि
धम्मम शरणं गच्छामि
संघम शरणं गच्छामि…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#LordBuddha #dhamma
#बुद्ध #वंदना #प्रार्थना #pray

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
292 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ख़ुद की खोज
ख़ुद की खोज
Surinder blackpen
हृदय वीणा हो गया।
हृदय वीणा हो गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सूली का दर्द बेहतर
सूली का दर्द बेहतर
Atul "Krishn"
कहते हैं लोग
कहते हैं लोग
हिमांशु Kulshrestha
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
हर चीज़ मुकम्मल लगती है,तुम साथ मेरे जब होते हो
हर चीज़ मुकम्मल लगती है,तुम साथ मेरे जब होते हो
Shweta Soni
लोगों की अच्छाईयांँ तब नजर आती है जब।
लोगों की अच्छाईयांँ तब नजर आती है जब।
Yogendra Chaturwedi
हर इक शाम बस इसी उम्मीद में गुजार देता हूं
हर इक शाम बस इसी उम्मीद में गुजार देता हूं
शिव प्रताप लोधी
* का बा v /s बा बा *
* का बा v /s बा बा *
Mukta Rashmi
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
*जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है (राधेश्यामी छं
*जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
Arghyadeep Chakraborty
पुरखों का घर - दीपक नीलपदम्
पुरखों का घर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मोहक हरियाली
मोहक हरियाली
Surya Barman
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
..
..
*प्रणय*
आपको सुसाइड नही डिसाइड करना है लोग क्या कह रहे है इस बात को
आपको सुसाइड नही डिसाइड करना है लोग क्या कह रहे है इस बात को
Rj Anand Prajapati
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4759.*पूर्णिका*
4759.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो मुझे
वो मुझे "चिराग़" की ख़ैरात" दे रहा है
Dr Tabassum Jahan
जातियों में बँटा हुआ देश
जातियों में बँटा हुआ देश
SURYA PRAKASH SHARMA
बीते हुए दिन बचपन के
बीते हुए दिन बचपन के
Dr.Pratibha Prakash
फसल
फसल
Bodhisatva kastooriya
,,
,,
Sonit Parjapati
दोहा पंचक. . . . .
दोहा पंचक. . . . .
sushil sarna
"ख़्वाहिश"
Dr. Kishan tandon kranti
‘ विरोधरस ‘ [ शोध-प्रबन्ध ] विचारप्रधान कविता का रसात्मक समाधान +लेखक - रमेशराज
‘ विरोधरस ‘ [ शोध-प्रबन्ध ] विचारप्रधान कविता का रसात्मक समाधान +लेखक - रमेशराज
कवि रमेशराज
തിരക്ക്
തിരക്ക്
Heera S
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
Khaimsingh Saini
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
Pramila sultan
Loading...