बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
मोहक छवि नैन विशाल,
तीव्र भृकुटि सिरा उभार,
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
लम्बवत् कर्ण मुख है शांत,
ओष्ठ विराजे खुशी की मुस्कान,
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
ऊँचा कद भुजा विशाल,
चरण पद धरा में पड़े सपाट,
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
ध्यान ज्ञान आभा दमके,
मुख मंडल में प्रकाश विराजे,
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
बुद्ध की आभा जगत में निराली,
चीवर किये धारण तन में मात्र,
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
हाथ में लेकर भिक्षा पात्र,
पावन अद्भुत बुद्ध भगवान,
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर।