बुद्ध भगवन्
बुद्ध भगवन् हमारे,
देखो ज़रा इनको,
वाणी में है संयम,
मीठी इनकी है वाणी,
मुख मंडल की आभा,
शांति देखो मन में।
पाया है इन्होने,
दुःख से है मुक्ति,
ये करुणा के सागर,
सूखा नहीं कभी जो,
ज्ञान के है द्योतक ,
निर्वाण है बतलाया।
दया से है अपनी,
जग को है उबारा,
मानव जगत का ,
किया है कल्याणम् ,
सत्य मार्ग दिखाया,
भ्रम को है मिटाया।
बुद्ध से बढ़कर,
नहीं कोई तारा,
चमक है इनकी,
कभी कम नहीं होती ,
अमृत है इनका,
धम्म का करना पालन।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदह हमीरपुर।