बुढ़ापे में भी ज़िंदगी एक नई सादगी लाती है,
बुढ़ापे में भी ज़िंदगी एक नई सादगी लाती है,
गीत गाता है बचपन, यूं ज़वानी गुनगुनाती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
बुढ़ापे में भी ज़िंदगी एक नई सादगी लाती है,
गीत गाता है बचपन, यूं ज़वानी गुनगुनाती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”