3 साल से बेघर लोगों एवं बुजुर्गों की मदद कर रहा 7 साल का टाइलर
समस्त सम्माननीय पाठकों को मेरा प्रणाम ।
आज फिर मैं एक नयी प्रेरक जानकारी प्रस्तुत कर रही हूं आशा है कि आप अवश्य ही पसंद करेंगे ।
अमेरिका के मेरीलैंड में 7 साल के टाइलर स्टॉलिंग को लगभग हर व्यक्ति जानता है । दुकानदार हो, बस ड्राइवर-कंडक्टर हो या अन्य कोई । सभी के पास टाइलर की कोई न कोई कहानी है । न तो वह विशेष बच्चा है और न सुपर हीरो, लेकिन अपने काम की वजह से टाइलर कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गया है । दरअसल, वह पिछले 3 सालों से बेघर बुजुर्गों और जरूरतमंदों की मदद कर रहा है ।
इसकी शुरुआत तीन साल पहले हुई । तब टाइलर 4 साल का ही था । उसकी मां आंद्रा ने उसको एक विडियो दिखाया, उसके पश्चात टाइलर की जिंदगी ही बदल गई । आंद्रा ने उसको बेघर लोगों और बुजुर्गो के बारे में बताया और उसी से संबंधित विडियो दिखाया । उसमें यह दिखाया था कि किस तरह से लोग अपने देश के लिए त्याग और बलिदान करते हैं । उसे बेघर बुजुर्गों की तकलीफों से अवगत कराया । आंद्रा अपने परिवार में कई बुजुर्गों की देखभाल पहले से ही कर रही थी । एक दिन टाइलर ने अपनी मां से कहा हम उन बुजुर्गों के लिए घर क्यो नही बनवा देते ? फिर उसकी मां ने उसे बताया कि हमारी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि हम इन सभी बेघर बुजुर्गों के लिए एक घर बनवा सकेंगे । तब टाइलर ने कुछ मन ही मन सोचा और मां से पूछा कि क्या मैं उनकी छोटी-मोटी आवश्यकताओं को पूर्ण करने में मदद कर सकता. हूं ? यह जानकर टाइलर की मां को बेहद खुशी हुई और बहुत भावुक हो गईं ।
टाइलर की मां को लगा कि आज मेरे बेटे में इन बुजुर्गों की सेवा करने का जज्बा तो है जो उसे एक दिन अवश्य ही सफलतापूर्वक उन्नति के पथ पर अग्रसर करेगा ।
टाइलर ने इसके लिए एक खास बैग भी अपने पास रखा हुआ है । उसने इसे “हीरो बैग” का नाम दिया है । वह इसमें कपड़े, जूते, नाश्ता, चिप्स, टॉयलेटरीज, साबुन, टूथब्रश, टूथपेस्ट, लोशन, शेविंग जेल, हैंड सेनिटाइजर जैसी चीजें लेकर चलता है और जहां कहीं भी बेघर बुजुर्ग मिल जाते हैं, उन्हें उनके जरूरत की चीजें दे देता है । इसके अलावा वह अपनी मां आंद्रा की मदद से मैरीलैंड सेंटर फॉर वेटरन एजूकेशन एंड ट्रेनिंग पर जाकर भी बुजुर्गों के साथ वक्त बिताता है । आंद्रा ने बताया कि ” लेकिन टाइलर के लिए यह सब इतना आसान नहीं था ” । प्रारंभ में लोग इस ४ साल के बच्चे की भावना को गंभीरता से नहीं समझते थे । वे सोचते थे कि इतने छोटे बच्चे से हम ये सब चीजें कैसे ले सकतें हैं । ऐसे में टाइलर की मां उसे ऐसी जगह पर ले गई, जहां वेटरन मिलते थे । धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए । टाइलर अब तक २००० से ज्यादा “हीरो बैग” बांट चुका है ।
पाठकों फिर देखा आपने दिल में अगर जज्बा हो कुछ कर गुजरने का तो क्या नहीं किया जा सकता है । ७ साल के टाइलर और उसकी मां के इस जज्बे को दिल से शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने एक प्रेरणादायक उद्धरण स्थापित किया है ।
धन्यवाद आपका ।
कैसा लगा मेरा यह लेख, अपनी आख्या के माध्यम से बताइएगा ज़रूर ।