बुआ छुट्टियों में जब आतीं …
हमको मस्ती ख़ूब करातीं
बुआ छुट्टियों में जब आतीं …
पापा भी बच्चे बन जाते
ख़ूब बुआ से लाड़ जताते
उसके बदले में हम दुगना
लाड़ बुआ से हरदम पाते
सब पर अपना प्यार लुटातीं
बुआ छुट्टियों में जब आतीं …
पापा पिक्चर भी ले जाते
कभी दिखा कर सर्कस लाते
साथ-साथ रहकर छुट्टी में
बहुत मज़े हम सबको आते
मम्मी भी पकवान बनातीं
बुआ छुट्टियों में जब आतीं …
दादी की हैं बुआ दुलारी
लगती उनको जग से न्यारी
उनको लगती बुआ अभी तक
इक नन्ही सी गुड़िया प्यारी
ढेरों वो सामान मँगातीं
बुआ छुट्टियों में जब आतीं …
भाग दौड़ रहती जीवन में
मन हरदम रहता उलझन में
कभी-कभी मिलने जुलने से
खुशियाँ मिलती अपनेपन में
रिश्तों में गर्माहट लातीं।
बुआ छुट्टियों में जब आतीं …
दो अर्चना गुप्ता