बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
बुंदेली हास्य मुकरियां :-
1
गुइयाँ ऊसै खुद मैं उरजी |
चली औइ की मौपे मरजी |
पीरी पर गइ चढ़ गइ गरदी –
का री बालम ? नाँ री हरदी |
2
नाक पकर कै हँसबौ हौबे |
इक दूजै में सासउँ खौबे ||
आपस में समझत हैं कथनी –
ऐ री साजन ? नाँ री नथनी |
3
ऊ खौं देखत मन हरसाबे |
नौनों लगतइ तौसे काबे |
मन कौ लगतइ है चित चोर –
का री साजन ? नाँ री मोर |
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© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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