बुंदेली में दो दोहे – “पंगत”
बुंदेली दो दोहे बिषय-पंगत
1
पंगत में तो सूटिये,
खीर,बरा अरु भात।
सन्नाटे के साथ में,
पुड़ी मींड के खात।।
***
2
पंगत बैठी हो रई,
बैठे सौ-पचास।
इक संगे सब जीमते,
खाते हर्सोल्लास।।
***12-7-2021***
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
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