बुंदेली दोहा- बिषय -अबेर (देर)
बुंदेली दोहा बिषय- अबेर (देर)
1
#राना नौनें काम पै , निगा लेइयौ फेर |
हौवें भलौ गरीब कौ , करियौ नहीं अबेर ||
2
हान धरम की हौ जितै , ऊपर बारौ हेर |
#राना टंटौ टौर दै , थौरी लगत अबेर ||
3
#राना साँसी काइयौ , चाय हौय वें शेर |
चार जनै जुड़ जात है ,करतइ नहीं अबेर ||
4
साजौ लिखौ अबेर से , पर सब अच्छौ होय |
तनक दूसरन की पढ़ौ , #राना कैनें मोय ||🙏
एक हास्य दोहा
जब अबेर हौ जाय तौ , घरै न कइयौ झूँठ |
#राना पकरै जैव तौ , खावें मिलवें ठूँठ ||🥰🙏
*** दिनांक-8-10-2022
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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