बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-177 के श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगी दोहा-177
दिनांक 17.8.2024
प्रदत्त शब्द #जम (यम यमराज)
प्राप्त प्रविष्ठियां :-
1
जम आयेंगे आखिरी,दिन ही लैबे तोय।
ऐसे ही फिर आयेंगे,इक दिन लैबे मोय।।
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-वीरेन्द चंसौरिया टीकमगढ़
2
जम जिदना जीलौ जितै,जीखों लेबे आँयँ।
जा तौ पक्की मान लो,बिना लएँ नइँ जाँयँ।।
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– अमर सिंह राय,नौगांव
3
पतिविरता नें मेंट दव,विधि कौ अटल विधान।
जम खों लौटानें परे,सत्यवान के प्रान।।
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-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवां
4
पकर चुटैया जी दिना,जम राजा लै जैंय।
भजन अकेलौ छोड़ कें,कौउ संग ना दैंय।।
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भगवान सिंह लोधी ‘अनुरागी’हटा,दमोह
5
बच पाहो नै कोउ जब,आहें जम के दूत।
चाहे रैव किआउंँ तुम,करौ उपाव अकूत।।
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-तरुणा खरे जबलपुर
6
दोऊ लोक सुदार लो,करनी करलो नेक।
जमराजा नों कोउ की,चलनें नइॅंयाॅं येक।।
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-आशाराम वर्मा’नादान’ पृथ्वीपुर
7
जम राजा लयँ जात ते,सत्यवान के प्रान।
सावित्री ने रोक लये,कैरय वेद पुरान।।
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-प्रमोद मिश्रा,वल्देवगढ़
8
जम सी बैठी लंकनी,लंकापति के दोर।
जो आवे सो लीलवे, घुस नहिं पावे चोर।।
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-आशा रिछारिया निवाड़ी
9
प्रभु कौ चरणामित पियै,बाल भौग कौ हेत ।
सो बैकुण्ठै जात वो,यम खौं धोकौ देत ।।
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-शोभाराम दाँगी, नदनवारा
10
जमुना जम भ्राता भगिन,हैं सूरज सन्तान।
जम लेखें जग के करम,जमुना दे जल दान ।।
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-अरविन्द श्रीवास्तव,भोपाल
11
अगवानी जमदूत के,डीठी गैल निहार।
चोला को डोला बना,चली लिबौअा प्यार।।
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-सीताराम पटेल’सीतेश’,रेड़ा, डबरा
12
जम खौं कम ना जानियो,चौकस पहरेदार।
जब जीकी जित्ती लिखी,उत्तई करत उधार।।
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-संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
13
जग में पतिव्रत धर्म की,सावित्री है शान।
लौटा कें जम सें लये,अपने पति के प्रान।।
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डॉ. देवदत्त द्विवेदी, बड़ा मलहरा
14
बचो कोउ नैं आज लो, जम को ऐसो फंद।
उगरत निगरत साँप खाँ, बनी छछूंदर दंद।।
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– श्यामराव धर्मपुरीकर, गंजबासोदा
15
चारइ कौनै जम खड़े,लगे चलाबै बान।
मार -मार मुर्दा करें,फिर लै लेतइ प्रान।।
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– एस आर ‘सरल’, टीकमगढ़
16
जम नइँ छोड़त काउ खों,का राजा का रंक।
जो जन्मों ऊ खों लगौ,बुरव मौत कौ डंक।।
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– अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निवाड़ी
17
सावित्री ने राखलई,पती धरम की आन।
जमराजा सें छुडाकें, सत्यवान के प्रान।
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-एम एल त्यागी खरगापुर
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संयोजक-
✍️ राजीव नामदेव”राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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