Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2024 · 2 min read

बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-168दिनांक-15-6-2024 के दोहे

बुन्देली प्रतियोगी दोहा -168
विषय:- दाऊ
शनिवार,दिनांक – 15/06/2024
संयोजक- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह.टीकमगढ़

प्राप्त प्रविष्ठियां :-
1
नेंनू लोंदा हाँत लयँ, कछु मौं पै लपटायँ।
छुपा छुपी हरि खेलबें, दाउ पकर नें पायँ।।
***
– डॉ.देवदत्त द्विवेदी, बड़ामलहरा
2
बलदाऊ जी कृष्ण के,सदा रहे हैं संग।
बृज गोकुल में श्याम ने,खेले होली रंग ।।
***
– मूरत सिंह यादव, दतिया
3
त्रेता में लछमन हते, द्वापर में बलराम।
दा‌ऊ बन गय कृष्ण के,लीला‌धर धनश्याम।।
***
-भगवान सिंह लोधी “अनुरागी”
4
दद्दा दाऊ प्रेम सें, जौन घरन में रात।
मजबूती पै नींव की, अटा दोर मुस्क्यात।।
***
-विद्या चौहान, फरीदाबाद
5
सीदे सादे दाउ हैं , मनभावन सौभाव।
हरदम बे तैयार हैं , कोंनउँ काम बताव।।
***
-वीरेन्द चंसौरिया टीकमगढ़
6
दाऊ तुमरो जन्म दिन, बहुत मुबारक होय।
दिन दूनी निस चौगुनी, राम-कृपा हो तोय।।
***
-श्यामराव धर्मपुरीकर,गंजबासौदा, विदिशा म. प्र.
7
दाऊ मोय खिजात है,माँ खों श्याम सुनाय।
मो सें कयँ तू मोल को, मोरे घर में आय।।
***
रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी उप्र.
8
गैल चलत लेबैं अरे , घरै उरानें आँय।
सबइ दंद गोपाल के ,बलदाऊ निपटाॅंय।।
***
-आशाराम वर्मा “नादान ” पृथ्वीपुर
9
दाउ बड़े करतूतले, हैं सुभाव के नेक।
छोटे भैया बैन की,राखें सबरी टेक।।
***
-आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
10
चोरी में पकड़े गए,दाऊ रहे मनाय।
कान मरोड़े मात ने,देखत हैं खिसियाय।।
***
-रंजना शर्मा, भोपाल
11
दाऊ थे बलराम जू ,छोटे रय ते श्याम।
हक से डाँटत रय सदा,लेत रयै है नाम।।
***
-सुभाष सिंघई, जतारा
12
बलदाऊ से दाउ ना, नहीं गंग सौ नीर।
ना देवर हरदौल सौ, जा नें तजो शरीर।।
***
-प्रदीप खरे, मंजुल, टीकमगढ़
13
कृष्ण कहैं बलदाउ सैं,सुनौ हमाई बात ।
बिन बताय हमका करैं,बिदी गुट्ट निपटात ।।
***
-शोभाराम दाँगी, नदनवारा
14
उनकी किस्मत है भली, जिनके घर में दाउ।
जैसे हैं श्री कृष्ण के, भैया जू बलदाउ।।
***
– अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
15
दद्दा पछले कौ हमें,नइँ भव भ्याँस इकाउ।
कय कै घर पै छाँयरौ, करें जबइ सें दाउ।।
***
-गोकुल प्रसाद यादव ,नन्हींटेहरी
16
मिल गय हम खों भाग सें,हलधर जैसे दाउ।
पक्की बखरी दइ हमें, खुद लै लइ ‌गुँदयाउ।।
***
-रामानन्द पाठक, नैगुवां
17
कृष्ण और बलदाउ खौं,जानत सकल जहान।
गोविंद विष्णु रूप में, हलधर बड़े महान।।
***
-संजय श्रीवास्तव* मवई (दिल्ली)
***
संयोजक- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’

2 Likes · 1 Comment · 47 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all
You may also like:
"क्या मझदार क्या किनारा"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
सत्य कुमार प्रेमी
जी-२० शिखर सम्मेलन
जी-२० शिखर सम्मेलन
surenderpal vaidya
"दयानत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खुद्दारी
खुद्दारी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Today's Reality: Is it true?
Today's Reality: Is it true?
पूर्वार्थ
हो....ली
हो....ली
Preeti Sharma Aseem
Beginning of the end
Beginning of the end
Bidyadhar Mantry
अगर आज मेरे पास भी शोहरत और पैसा होता तो हम भी आज हर किसी की
अगर आज मेरे पास भी शोहरत और पैसा होता तो हम भी आज हर किसी की
Rj Anand Prajapati
अपवाद हमें हरेक युग में देखने को मिलता है ! एकलव्य एक भील बं
अपवाद हमें हरेक युग में देखने को मिलता है ! एकलव्य एक भील बं
DrLakshman Jha Parimal
माँ
माँ
SHAMA PARVEEN
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आध्यात्मिक शक्ति व नैतिक मूल्यों से ध्यान से मानसिक शांति मि
आध्यात्मिक शक्ति व नैतिक मूल्यों से ध्यान से मानसिक शांति मि
Shashi kala vyas
3466🌷 *पूर्णिका* 🌷
3466🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
.
.
*प्रणय प्रभात*
*रोते-रोते जा रहे, दुनिया से सब लोग (कुंडलिया)*
*रोते-रोते जा रहे, दुनिया से सब लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सोहर
सोहर
Indu Singh
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
शांति दूत हमेशा हर जगह होते हैं
शांति दूत हमेशा हर जगह होते हैं
Sonam Puneet Dubey
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
Phool gufran
अच्छे बच्चे तुम बन जाना
अच्छे बच्चे तुम बन जाना
अरशद रसूल बदायूंनी
हिन्दी दोहा- मीन-मेख
हिन्दी दोहा- मीन-मेख
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
इश्क़ हो
इश्क़ हो
हिमांशु Kulshrestha
सपनों को दिल में लिए,
सपनों को दिल में लिए,
Yogendra Chaturwedi
भूल नहीं पाये हम अभी तक
भूल नहीं पाये हम अभी तक
gurudeenverma198
धिक्कार
धिक्कार
Dr. Mulla Adam Ali
हर रोज़ तुम्हारा पता पूछते उन गलियों में चला जाता हूं
हर रोज़ तुम्हारा पता पूछते उन गलियों में चला जाता हूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
زندگی تجھ
زندگی تجھ
Dr fauzia Naseem shad
Loading...