बुंदेली दोहा-पीपर
हिंदी दोहे विषय -पीपर
#राना पीपर देख कैं,झुका लैत है शीष।
मानत मन से देव है,श्रृद्धा से जगदीश।।
पीपर के पत्ता लखौ,#राना शुभ आकार।
नाड़ी रेखा देह की,दिखतीं अपरम्पार।।
पीपर पूजत सब जनै,करत कामना आन।
#राना मन से मानतइ,हर पत्ता भगवान।।
#राना पूजत सब जनै,बरिया पीपर आम।
हवन कुंड में छेवला,नागर मोथा काम।।
बरिया पीपर कै तरैं, #राना जलते दीप।
देवकृपा खौं मान कै,राखैं हृदय समीप।।
एक विशेष दोहा
धना कहै मोरी सुनौ,मौरे पीपर आप।
परी आपसे भाँवरें,जिनकी #राना छाप।।
*** दिनांक-29-7-2024
✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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