Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

बुंदेली दोहा- चंपिया

बुंदेली दोहा विषय – चपिया

#राना चपिया हर घरै, दिखै हमें दो चार।
दूद दही घिउँ भी रखै,ऊ में दाने दार।

कलौ अथानों नारियाँ,चपिया में धर जायँ।
सौदीं खुश्बू है लगत,’राना’ जब भी खायँ।।

चपिया में घिउँ जौर कै,धना भौत मुस्कात।
‘राना’औसर जब परै,बन जै लुचइँ बिलात।।

मटकी की लघु बैन है,जानौ चपिया बाइ।
मटका की साली लगी,#राना किसा बनाइ।।

लैकै चपिया राधिका,गयी श्याम के पास।
माखन जीमै थौ भरौ,खाबै खौ कछु खास।।

एक हास्य दोहा –

धना कहै #राना सखा,दद्दा चपिया लायँ।
रसगुल्ला अब भेजने,भरकैं मौखौ मायँ।।🤔🤭
***
✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

3 Likes · 1 Comment · 120 Views
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all

You may also like these posts

** मंजिलों की तरफ **
** मंजिलों की तरफ **
surenderpal vaidya
ख़ुद की खोज
ख़ुद की खोज
Surinder blackpen
#खुलीबात
#खुलीबात
DrLakshman Jha Parimal
परोपकार
परोपकार
Neeraj Agarwal
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
प्रेमदास वसु सुरेखा
कन्या भ्रूण हत्या
कन्या भ्रूण हत्या
Sudhir srivastava
हम अपने घर में बेगाने
हम अपने घर में बेगाने
Manoj Shrivastava
लखनऊ शहर
लखनऊ शहर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
At the age of 18, 19, 20, 21+ you will start to realize that
At the age of 18, 19, 20, 21+ you will start to realize that
पूर्वार्थ
खिंची लकीर पर चलना
खिंची लकीर पर चलना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
3139.*पूर्णिका*
3139.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुधार का सवाल है
सुधार का सवाल है
Ashwani Kumar Jaiswal
वो बचपन था
वो बचपन था
Satish Srijan
मुंगेरी तो मर गया, देख देख कर ख़्वाब।
मुंगेरी तो मर गया, देख देख कर ख़्वाब।
Suryakant Dwivedi
" घोंघा "
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन है ये छोटा सा
जीवन है ये छोटा सा
प्रदीप कुमार गुप्ता
सुंडाळा सुध राखियौ , म्हांनै बाळक जांण।
सुंडाळा सुध राखियौ , म्हांनै बाळक जांण।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
राम वन गमन हो गया
राम वन गमन हो गया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
उद्गार किया उपकार किया,
उद्गार किया उपकार किया,
श्याम सांवरा
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
Manju sagar
सत्य
सत्य
Neha
तुम्हारा नंबर
तुम्हारा नंबर
अंकित आजाद गुप्ता
मजाज़ी-ख़ुदा!
मजाज़ी-ख़ुदा!
Pradeep Shoree
"आसमान पर छाए बादल ,
Neeraj kumar Soni
दुनिया में मैं कुछ कर न सका
दुनिया में मैं कुछ कर न सका
manorath maharaj
मैं हारा हूं बस एक परीक्षा में
मैं हारा हूं बस एक परीक्षा में
Ankita Patel
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
Rj Anand Prajapati
खोने के पश्चात ही,हुई मूल्य पहचान
खोने के पश्चात ही,हुई मूल्य पहचान
RAMESH SHARMA
सवाल ये नहीं
सवाल ये नहीं
Dr fauzia Naseem shad
Loading...