बुंदेली दोहा-गर्राट
बुंदेली दोहा-गर्राट (अशालीन व्यवहार)
नयी उमर को जान लौ,#राना अब गर्राट।
पानू जैसो हौत है,उठत हिलौरा घाट।।
पइसा पाकै मद भरै ,बनबै साहब लाट।
ऊकै चालू हौत है,#राना तब गर्राट।।
#राना पद पइसा जुरै,मन करबै खरयाट।
चार पंच तब कै उठै,इयै चढ़ौ गर्राट।।
गोरी खौ जब देखकैं,लरका दें खरयाट।
#राना डुकरा कै उठै,काय चढ़ौ गर्राट।।
कछू जगाँ#राना लगै,नँईं बात में सार।
औइ जगाँ गर्राट खौ,लोग दैत उसकार।।
दो हास्य दोहे-
धना कात #राना सुनौ,करै घाम गर्राट।
छत कै उन्ना चैंक रय,पैरत में रय काट।।
चौराहन पै देख लो,#राना कैसी हाट।
सब चुनाव के पोल पै,नेता दयँ गर्राट।।
*** दिनांक-3.6.2024
✍️ राजीव नामदेव”राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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