बीबी ने ही बोल दिया __ घनाक्षरी
बीवी ने ही बोल दिया कैसा यह रोग लिया।
सोने नहीं देते मुझे कविता सुनाते हो।।
काम करूं घर के तो करने न देते मुझे ।
यहां आओ यहां आओ कह के बुलाते हो।।
सिर धुन लेती हूं मैं सुनती नहीं हूं जब ।
अकेले ही अकेले खुद गुनगुनाते हो।।
काम करो और कोई सुनता है कौन अब।
अपनी प्रतिभा तुम काहे ना भुनाते हो।।
राजेश व्यास अनुनय