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9 Mar 2023 · 1 min read

**बीता हुआ पल कब वापिस आया है**

**बीता हुआ पल कब वापिस आया है**
********************************

बीता हुआ पल कब वापिस आया है,
ये वक्त किसी के हाथों रुक न पाया है।

ये दुनियादारी तो एक भूल भुलैया जैसी,
कोई समझ न सका कुदरत की माया है।

सपनों का सौदागर दर पर है चला आया,
खाली झोली में खुशियाँ भरकर लाया है।

जो दूर से चमके वो एक धोखे जैसा है,
झूठी शान ए शौकत ने मन भरमाया है।

धन दौलत तो सारी मनसीरत छलावा है,
वही साथ जाएगा जो मिल बांट खाया है।
********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

Language: Hindi
115 Views
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