Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2024 · 1 min read

बीता हुआ कल

आने वाला पल

आयेगा हमारे जीवन में हसींन पल,
ख़्वाब ख़्वाहिशें होगी तब मुकम्मल,
उम्मीद पर टिकी हुई है दुनियाँ सारी,
खुशियों से भरा होगा आने वाला पल।

हँसते मुस्कराते चेहरे होंगे चहुंओर,
नाउम्मीदी का हटेगा तमस आयेगी भोर,
कामयाबी का रचेंगे नया इतिहास हम,
मकसद पूरे होंगे बादल बरसेंगे घनघोर।

पल्लवित पुष्पित होगा आने वाला पल,
भूल जायेंगे हम तब बीता हुआ कल ।।

डा राजमती पोखरना सुराना

1 Like · 56 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भौतिक सुख की चाह में,
भौतिक सुख की चाह में,
sushil sarna
प्रभु का प्राकट्य
प्रभु का प्राकट्य
Anamika Tiwari 'annpurna '
अब सौंप दिया इस जीवन का
अब सौंप दिया इस जीवन का
Dhirendra Singh
रोज जमकर बरसात होती हैं मेरी शिकायतों की।
रोज जमकर बरसात होती हैं मेरी शिकायतों की।
Ashwini sharma
* पहचान की *
* पहचान की *
surenderpal vaidya
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
Parvat Singh Rajput
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मैं एक आम आदमी हूं
मैं एक आम आदमी हूं
हिमांशु Kulshrestha
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
पलटे नहीं थे हमने
पलटे नहीं थे हमने
Dr fauzia Naseem shad
अलगाव
अलगाव
अखिलेश 'अखिल'
.......शेखर सिंह
.......शेखर सिंह
शेखर सिंह
सितारा कोई
सितारा कोई
shahab uddin shah kannauji
*ग़ज़lवतरण*
*ग़ज़lवतरण*
*प्रणय*
गीत
गीत
सत्य कुमार प्रेमी
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
23/179.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/179.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
पूर्वार्थ
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
Neeraj Mishra " नीर "
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
Dr. Vaishali Verma
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
" हद "
Dr. Kishan tandon kranti
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
***नयनों की मार से बचा दे जरा***
***नयनों की मार से बचा दे जरा***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
पंकज परिंदा
जहां से चले थे वहीं आ गए !
जहां से चले थे वहीं आ गए !
Kuldeep mishra (KD)
जिंदगी की राहों में, खुशियों की बारात हो,
जिंदगी की राहों में, खुशियों की बारात हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
gurudeenverma198
बस चार है कंधे
बस चार है कंधे
साहित्य गौरव
Loading...