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17 Jun 2024 · 1 min read

बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,

बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
दिल में एक आह सी जगाती,ये रिश्तों की बदलती रवानी।

कभी जो साथ थे हर पल,”ऋतु राज के”आज वो दूरी में खो जाते,
कभी जो दिल के करीब थे,आज पराये से हो जाते।

वक्त की तेज रफ्तार में,रिश्ते भी पीछे छूट जाते,
नई राहों में भटकते हैं,पुराने रिश्ते टूट जाते।

यादें तो हैं साथ हमारे,पर वो लम्हे अब कहां रहे,
दूरियों ने जो दूरी बढ़ाई,वो नजदीकियां अब कहां रहे।

माना कि रिश्तों में होती है,कभी कभी थोड़ी सी दूरी,
पर दिल की गहराइयों में,रहती है उनकी एक धूरी।

शायद वक्त का यही तकाज़ा है,कि रिश्ते बदलते रहें,
पर सच्चे दिलों की धड़कन में,हमेशा वो बसते रहें।

रिश्ते जो कभी थे अपने,उनकी यादें संजोते हैं,
दिल के किसी कोने में,हम उन्हें हमेशा पाते हैं।

बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
पर दिल की गहराइयों में,हमेशा रहती उनकी रवानी…!!!!

ऋतु राज वर्मा

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