बिल्ली का डर
बिल्ली आई घर के अंदर
चूहे भागे पूंछ दबाकर
कई दिनों से वह भूखी थी
चूहों के ऊपर लपकी थी
चूहों की हिम्मत हुई धड़ाम
मच गया कुनबे में कोहराम
कहर सभी पर ऐसा बरपा
बिखर गया चूहों का कुनबा
उनकी कुछ न समझ में आए
कैसे जान बचाई जाए?
किस तरह पाया जाए पार ?
बैठक बुलाकर किया विचार
सबके यही समझ में आया
मिलकर पहरेदार बिठाया
अब बिल्ली जब भी आती है
उनकी घंटी बज जाती है
सोते चैन की चादर तान
ऐसे बची चूहों की जान