Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2024 · 1 min read

बिल्कुल, बच्चों के सम्मान और आत्मविश्वास का ध्यान रखना बहुत

बिल्कुल, बच्चों के सम्मान और आत्मविश्वास का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ एक हिंदी कविता है जो इसी विचार को व्यक्त करती है:

मां बाप का संघर्ष समझो, उनकी चाह समझो,
बच्चों के सम्मान का ध्यान रखो, उनका अभिमान समझो।

बच्चों के सामने डाटना, सुना देना, मारना,
यह सभी कार्य व्यर्थ है, बच्चों के साथ निर्मल व्यवहार करना।

हर बात पे डांटना नहीं, समझदारी से बात करना,
बच्चों का सम्मान बनाए रखना, स्वाभिमान को मजबूत करना।

उनके सपनों को समर्थन देना, उनकी भावनाओं को समझना,
मां बाप का अदर्श बनना, बच्चों के जीवन को सजना।

बच्चों के साथ न्यायपूर्वक व्यवहार करना,
उन्हें प्यार और समर्थन देना, संघर्ष में उनका साथ देना।

मां बाप के संघर्ष को समझो, उनकी चाह समझो,
बच्चों के सम्मान का ध्यान रखो, उनका अभिमान समझो।

17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दरख़्त-ए-जिगर में इक आशियाना रक्खा है,
दरख़्त-ए-जिगर में इक आशियाना रक्खा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर रिश्ता
हर रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
ऐसा कभी नही होगा
ऐसा कभी नही होगा
gurudeenverma198
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
Rj Anand Prajapati
पिता का बेटी को पत्र
पिता का बेटी को पत्र
प्रीतम श्रावस्तवी
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
भोले नाथ तेरी सदा ही जय
भोले नाथ तेरी सदा ही जय
नेताम आर सी
हे कान्हा
हे कान्हा
Mukesh Kumar Sonkar
आज यूँ ही कुछ सादगी लिख रही हूँ,
आज यूँ ही कुछ सादगी लिख रही हूँ,
Swara Kumari arya
◆बात बनारसियों◆
◆बात बनारसियों◆
*प्रणय प्रभात*
खाली मन...... एक सच
खाली मन...... एक सच
Neeraj Agarwal
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
Rajesh vyas
*कवि बनूँ या रहूँ गवैया*
*कवि बनूँ या रहूँ गवैया*
Mukta Rashmi
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हे पैमाना पुराना
हे पैमाना पुराना
Swami Ganganiya
मेरी (ग्राम) पीड़ा
मेरी (ग्राम) पीड़ा
Er.Navaneet R Shandily
ज़माने पर भरोसा करने वालों, भरोसे का जमाना जा रहा है..
ज़माने पर भरोसा करने वालों, भरोसे का जमाना जा रहा है..
पूर्वार्थ
*राधेश्याम जी की अंटे वाली लेमन*
*राधेश्याम जी की अंटे वाली लेमन*
Ravi Prakash
2515.पूर्णिका
2515.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
स्वास्थ्य बिन्दु - ऊर्जा के हेतु
स्वास्थ्य बिन्दु - ऊर्जा के हेतु
DR ARUN KUMAR SHASTRI
महाकाल
महाकाल
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
हमें तो देखो उस अंधेरी रात का भी इंतजार होता है
हमें तो देखो उस अंधेरी रात का भी इंतजार होता है
VINOD CHAUHAN
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
Dimpal Khari
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
हाल मियां।
हाल मियां।
Acharya Rama Nand Mandal
चला मुरारी हीरो बनने ....
चला मुरारी हीरो बनने ....
Abasaheb Sarjerao Mhaske
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन जीते रहने के लिए है,
जीवन जीते रहने के लिए है,
Prof Neelam Sangwan
बुदबुदा कर तो देखो
बुदबुदा कर तो देखो
Mahender Singh
Loading...