बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्रोल,
जो जिसको चाहे दे ले ले, बस थोड़ा संभाल,ख्वाहिशों की सूची में, दे दे अपना लोल।।
कोई डॉक्टर, इंजिनियर, कोई खेता जोते,कोई कलम चलावे, पन्ने को मोते,
हर किसी के 24 घंटे, बस फर्क नजरिए का,कौन कहां तलाशे सपनों का सितारा।।
जो जिसे प्राथमिकता, वही वहां समाए,दफ्तर या खेत, घर या गगन छू पाए,
समय तो एक धार है, काटती हर पल को,लेकिन वो जिंदगी जीते, जो खुद को जगाए।।
व्यस्तता नहीं बोझ, वो तो कला है जीने की,खुद तय करो रफ्तार, धीमी या सधी की,
हर काम के दो पल, हर हंसी के झिलमिल,यही है वो जादू, समय को जीतने का, सच ही।।
तो भूल दो तुम भी, ये व्यस्तता के गीत,जो चाहो कर लो, बस जगाओ मन की पीत,
समय है एक नदी, बहती सबके संग,लेकिन तुम वो नाविक, हो खुद के पतवार।।
तो चलाओ डंके की चोट, ख्वाहिशों के नौका को,समय देगा साथ, ये विश्वास जगाओ,
हर किसी के पास समय है, ये ही सच है सारा,बस प्राथमिकता तय करो, और खुलके हंसो सारा।।