#बिन बुलाए आओ तो कभी
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★ #बिन बुलाए आओ तो कभी ★
हे रणछोड़ मुचकुंद कहाँ हैं बताओ तो कभी
जीवन कान्हा कालयवन मान जाओ तो कभी
सुनते हो पुकार तभी रुक्मण भयी कृष्णा
हुई सांझ चरणकँवलचाप सुनाओ तो कभी
मेरे प्राण ! हिरदे में समाए रहते हो
सामने आओ आकर मुस्कुराओ तो कभी
दृगदीपक जल रहे इक आस में
आओ बैठो कहो बुलाओ तो कभी
स्मृतिवन पर निशिदिन छाए श्याम
बरसो नदी की प्यास बुझाओ तो कभी
लालसाललनाएं बंदी मन के नरकासुर में
बिन बुलाए आओ सत्या संग लाओ तो कभी
९४६६०-१७३१२
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)